Chunavi Kisse: चुनावी नारे न केवल राजनीतिक महकमे का हिस्सा होते हैं, बल्कि वे लोगों के दिलों तक छू जाने वाले वाक्य होते हैं, जो एक सांस्कृतिक साथीपन का संदेश भी लाते हैं। ये नारे जनमानस के ध्यान को अपनी ओर खींचने का कार्य करते है।
कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों को जिससे सामूहिक दृढ़ता और समर्थन मिलता है। इस प्रकार, चुनावी नारे जनमानस के ध्यान को अपनी ओर खींचने का महत्वपूर्ण कार्य निभाते हैं, जो एक समृद्ध और सामाजिक राजनीति के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आज इस लेख में हम आम चुनाव के तीसरे फेज के बारे में चर्चा करेंगे।
तीसरा फेस
फिर इतिहास का काला दौर शुरू हुआ इसमे इंदिरा ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। देश में राजनीतिक संकट चल रहा था। आम जनता भोली थी। उनको यह संदेश प्रभावी तौर से देने के लिए कई नारे गढ़े गए…
उस दौर के प्रसिद्ध नेता JP नारायण ने नारा दिया:
- सम्पूर्ण क्रांति अब नारा है, भावी इतिहास तुम्हारा है।
साथ ही संदेशों को सरल तरीके से समझाने के लिए कविताओं का भी सहारा लिया गया:
- सेनानी! करो प्रयाण अभय, भावी इतिहास तुम्हारा है
ये नखत अमा के बुझते हैं, सारा आकाश तुम्हारा है। - सदियों की ठण्डी-बुझी राख सुगबुगा उठी
मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है
दो राह, समय के रथ का घर्घर-नाद सुनो
सिंहासन खाली करो कि जनता आती है - जमीन गई चकबंदी में, मकान गया हदबंदी में।
द्वार खड़ी औरत चिल्लाए, मेरा मर्द गया नसबंदी में। - जगजीवन राम की आई आंधी, उड़ जाएगी इंदिरा गांधी
- आकाश से नेहरू करें पुकार, मत कर बेटी अत्याचार
- संजय की मम्मी बड़ी निकम्मी: बेटा कार बनाता है, मां बेकार बनाती है
- अटल बोला इंदिरा का शासन डोला
- स्वर्ग से नेहरू रहे पुकार, अबकी बिटिया जहियो हार
प्रसिद्ध कांग्रेस नेता देव कांत बरुआ ने समान पार्टी होने के बावजूद इमरजेंसी के समय नारा दिया था:
- इंदिरा भारत हैं और भारत इंदिरा है
इसके समर्थन में इन्दिरा गांधी के पक्ष में श्रीकांत वर्मा द्वारा दिया गया नारा:
- जात पर न पात पर, इंदिरा जी की बात पर, मोहर लगेगी हाथ पर..
इमरजेंसी के बाद 1980 में इन्दिरा गांधी फिर से चुनाव जीत गई तो फिर और एक नारा गढ़ा गया:
- एक शेरनी सौ लंगूर, चिकमंगलूर, चिकमंगलूर
इसके पश्चात डोलती जनता पार्टी की गवर्मेंट को लेकर इंदिरा गांधी ने नारा दिया:
- मजबूत सरकार
अब राजनीति एक अलग ही दौर से गुजरने वाली थी। दौर था 1984 का..इन्दिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद कुछ और नारे गढ़े गए:
- इंदिरा तेरी यह कुर्बानी याद करेगा हिंदुस्तानी
- जब तक सूरज चांद रहेगा, इंदिरा तेरा नाम रहेगा
- इंदिरा तेरा यह बलिदान याद करेगा हिन्दुस्तान
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद आपाधापी में राजीव गांधी शपथ लेते हैं और देश के शीर्ष पद को संभालते हैं। इसके बाद राजीव गांधी को लेकर नारे गढ़े गए:
- पानी में और आंधी में, विश्वास है राजीव गांधी में
- उठे करोड़ों हाथ हैं, राजीव जी के साथ हैं
राजीव गांधी के विरोध में वी पी सिंह जब आए तो फिर नये नारे दिए गए:
- राजा नहीं फकीर है देश की तकदीर है
इसके विरोध में कांग्रेस ने अपना नया नारा दिया: