Cancer Part 4: कैंसर दुनिया की सबसे घातक बिमारियों में से एक है। इस बीमारी से लड़ने के लिए हमें इसे समझना बेहद जरुरी है। इसीलिए Jandiary परिवार ने एक खास सीरीज शुरू की है। जिसके जरिये हम कैंसर से जुड़ी हर एक बारीकी पर ध्यान देंगे। हमारा मकसद है कि हम इस खास सीरीज के माध्यम से हमारे परिवार के हर सदस्य को कैंसर बीमारी के हर रूप से रूबरू करा सकें। इस बीमारी से लड़ने के लिए इसके प्रति जागरूक होना बेहद जरुरी है। आज इस लेख(Cancer Part 4) में हम कैंसर का इलाज, भारत और दुनियाभर में कैंसर के मामलें पर एक नजर डालेंगे। आप पहले लेख (Cancer Part 1: भारत में कैंसर से प्रति मिनट में एक शख्स की मौत! क्या है Cancer? जानें इसके स्टेज), दूसरे लेख (Cancer Part 2: दुनिया भर में हर वर्ष 10 मिलियन कैंसर के नए मामले! जानें इसके प्रकार, कारण और लक्षण) और तीसरे लेख (Cancer Part 3: हर दिन करीब 2100 मौतें व 3905 मामले.. जानें इसका इलाज और रोकथाम के उपाय) को पढ़कर इस चौथे और अंतिम लेख को बेहद आसानी से समझ सकते है।
महिलाओं को कैंसर का खतरा ज्यादा:
देश में महिलाओं को कैंसर का खतरा ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कैंसर के मरीज़ों में कुल 50.7% महिलाएं पीड़ित है, जो पुरुषों की तुलना में अधिक है। हालांकि, पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाएँ कैंसर से बच जाती हैं। देश में 9 में से एक पुरुष और 12 में से एक महिला की मौत कैंसर से होती है। WHO के मुताबिक, पुरुषों में फेफड़ों के कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, बृहदान्त्र और मलाशय का कैंसर सबसे अधिक देखा जाता है। वहीं, दूसरी तरफ महिलाओं में स्तन, फेफड़ों के कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे ज्यादा देखे गए हैं। हालांकि, विश्व में महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कैंसर के मामलें अधिक देखे गए है। पुरुषों में ज्यादा खतरे की वजह अधिक धूम्रपान और शराब का सेवन है।
अधिक उम्र में कैंसर का खतरा ज्यादा:
उम्र में वृद्धि के साथ कैंसर का खतरा भी बढ़ता चला जाता है। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। मगर, जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। क्यूंकि उम्र में वृद्धि के साथ हमारी कोशिकाएं भी क्षतिग्रस्त होने लग जाती है, वे सही तरीके से काम नहीं कर पाती है। जिसके चलते कैंसर होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है। दुनियाभर में 50 से अधिक उम्र वाले लोगों में कैंसर होने की सम्भावना अधिक होती है। देश में 30 प्रतिशत कैंसर, 40 से कम उम्र के लोगों में देखा गया है। वहीं, 70 प्रतिशत मामलें 40 से अधिक उम्र के लोगों में देखे गए है। यानी कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
मानसिक तौर पर कैसे लड़े कैंसर से?
‘कैंसर’ सुनते ही मन में तनाव और अवसाद अपना घर बना लेते है। जिंदगी लगता है जैसे खत्म हो चुकी है। हालांकि, ऐसा बिलकुल भी नहीं है। कैंसर भले ही एक जानलेवा बीमारी है। मगर, हम इससे लड़कर इस पर जीत भी हासिल कर सकते है। कैंसर से लड़ने में दवाईयां और आधुनिक तकनीक बेहद जरुरी है। मगर, इसके साथ कैंसर से लड़ने के लिए मानसिक तौर पर भी मजबूत होना जरुरी है। खुद को आशावादी बनाए रखें और अपने दृढ़ संकल्प को मजबूत रखें।
मानसिक स्वास्थ्य कुछ यूं रखें देखभाल:
- अपने परिवार, मित्र, और साथी के साथ समय व्यतीत करें। उनसे समर्थन, प्रेरणा, और संवाद करने से आपको आत्म-विश्वास मिलेगा।
- अपना पंसदीदा कार्य करें, वह कार्य जिससे आपको ख़ुशी मिलती है।
- प्रेरणादायक पॉडकास्ट सुनें, अपने अनुभवों को लिखें या वीडियो में रिकॉर्ड करें।
- उन लोगों से मिले जो कैंसर को हराकर एक नया जीवन शुरू कर चुके है।
- प्रतिदिन योग करें। योग और ध्यान करने से मानसिक स्थिति में सुधार हो सकता है। यह चिंता को कम कर, शांति और सकारात्मकता प्रदान करता है।
- पर्याप्त नींद लें, यह तनाव कम करता है।