Green Colour in Hariyali Teej: हिंदू धर्म में हरियाली तीज का पर्व विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु की कामना के लिए रखती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर प्राप्त करने की इच्छा से इसे मानती हैं। हरियाली तीज की तैयारी और उत्सव में हरे रंग का विशेष स्थान होता है, जो इस पर्व की खूबसूरती और महत्व को बढ़ाता है।
हरियाली तीज का पर्व और हरे रंग का महत्व (Festival of Hariyali Teej and Importance of Green Color)
हरियाली तीज, जो सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है, इस वर्ष 7 अगस्त 2024 को पड़ रहा है। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार में सजती हैं और हरे रंग के कपड़े पहनती हैं। यह पर्व हरे रंग को विशेष महत्व देता है और इसके पीछे धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं।
हिंदू धर्म में हरे रंग का प्रतीकात्मक महत्व (Symbolic Significance of Green Colour in Hinduism)
सनातन धर्म में हरा रंग सुख, शांति, हरियाली, और अच्छी सेहत का प्रतीक माना जाता है। यह रंग समृद्धि और प्रगति का भी प्रतिनिधित्व करता है। हरियाली तीज पर हरे रंग के वस्त्र पहनने की परंपरा इस प्रतीकात्मकता को दर्शाती है, जो लंबे समय से चली आ रही है। हरा रंग जीवन और प्रकृति के साथ गहरा जुड़ाव दिखाता है, जिससे इसे विशेष महत्व दिया जाता है।
सावन मास और हरे रंग का संबंध (Relation of Sawan month and green color)
हरियाली तीज सावन मास में मनाई जाती है, जब चारों ओर हरियाली छा जाती है। इस समय प्रकृति अपनी पूरी हरीतिमा से खिल उठती है। महिलाओं द्वारा हरे रंग की साड़ियों और चूड़ियों को पहनने की परंपरा इस प्राकृतिक सौंदर्य और हरियाली से प्रेरित है। मान्यता है कि हरे रंग के वस्त्र पहनने से शिव-पार्वती देवता भी प्रसन्न होते हैं, जो इस दिन की पूजा और व्रत के महत्व को और बढ़ाता है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण: हरे रंग से का बुध ग्रह संबंध (Astrological Perspective: Mercury Planet Relation to Green)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर रंग का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है। हरे रंग का संबंध बुध ग्रह से होता है। बुध ग्रह के प्रभाव को सशक्त बनाने के लिए हरे रंग के वस्त्र पहनना फायदेमंद माना जाता है। बुध ग्रह की शक्ति से जीवन में खुशहाली और सकारात्मकता आती है। इस वर्ष, हरियाली तीज बुधवार के दिन आ रही है, जो बुध देव का वार है। इसलिए, हरे रंग के वस्त्र पहनना और इस दिन विशेष पूजा करना ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी लाभकारी माना जाता है।
हरियाली तीज के पर्व पर हरे रंग की पहनावा न केवल इस दिन की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को सम्मानित करता है, बल्कि यह व्यक्तिगत समृद्धि और खुशहाली की प्रतीक भी है। इस पर्व के दौरान हरे रंग का चयन और इस रंग से जुड़ी मान्यताएँ इस बात को दर्शाती हैं कि कैसे पुरानी परंपराएं आज भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
खास बातें (HIGHLIGHTS)
हरियाली तीज का महत्व और मान्यता ( Significance and Recognition of Hariyali Teej)
हरियाली तीज भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जिसे मुख्य रूप से भारत के विभिन्न हिस्सों और नेपाल में मनाया जाता है। यह त्यौहार विशेष रूप से महिलाएं बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाती हैं और इसका संबंध प्रकृति, विशेषकर हरियाली और सौंदर्य से होता है। हरीयाली तीज मुख्यतः श्रावण माह की तीसरी तिथि को मनाई जाती है, जो आमतौर पर जुलाई-अगस्त के बीच पड़ती है।
हरियाली तीज का महत्व ( Significance of Hariyali Teej)
1. प्रकृति की पूजा (Worship of Nature)
- हरियाली और पौधों का सम्मान: हरीयाली तीज पर महिलाएं प्रकृति की सुंदरता और हरियाली को सम्मानित करती हैं। इस दिन पेड़ों की पूजा की जाती है और खासकर नीम के पेड़ को विशेष स्थान दिया जाता है। यह दिन प्रकृति के संरक्षण और महत्व को मान्यता देने का अवसर है।
2. सौंदर्य और स्वास्थ्य (Beauty and Health)
- सौंदर्य के प्रतीक: हरीयाली तीज का यह दिन महिलाओं के लिए सौंदर्य और स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। महिलाएं इस दिन हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं और पारंपरिक सजावट के साथ अपने को सजाती हैं। यह दिन स्वास्थ्य और समृद्धि के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है।
3. पारंपरिक अनुष्ठान और पूजा (Traditional Rituals and Worship)
- पारंपरिक पूजा: महिलाएं विशेष पूजा आयोजित करती हैं, जिसमें हरियाली और समृद्धि के प्रतीक के रूप में हरे रंग की वस्तुएं और फूलों की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान महिलाएं व्रत रखती हैं और विशेष पकवानों का भोग अर्पित करती हैं।
- पेड़ की पूजा: विशेष रूप से नीम और पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। यह पेड़ स्वास्थ्य और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।
4. संस्कृतिक पहलू (Cultural Aspects)
- लोक गीत और नृत्य: हरीयाली तीज पर पारंपरिक लोक गीत गाए जाते हैं और महिलाएं भव्य नृत्य प्रस्तुत करती हैं। इस दिन को एक उत्सव की तरह मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं आपस में मिलकर खुशियाँ मनाती हैं और पारंपरिक खेल खेलती हैं।
5. वैवाहिक समृद्धि की कामना (Wishing for Marital Prosperity)
- विवाहित महिलाओं के लिए: हरीयाली तीज विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। महिलाएं व्रत रखती हैं और पूजा के माध्यम से पारिवारिक सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।
6. परिवार और समाज का मेल-जोल (Harmony of Family and Society)
- समुदाय की एकता: इस दिन को परिवार और समाज के लोगों के साथ मिलकर मनाने की परंपरा है। महिलाएं एक साथ पूजा करती हैं, गीत गाती हैं और सामूहिक भोज का आनंद लेती हैं, जो सामुदायिक एकता और स्नेह को बढ़ावा देता है।
हरियाली तीज एक ऐसा त्यौहार है जो न केवल प्रकृति की पूजा और सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह महिलाओं के लिए सौंदर्य, स्वास्थ्य, और वैवाहिक समृद्धि की कामना का दिन भी है। यह त्योहार पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक उत्सव का भी हिस्सा है, जिसमें परिवार और समाज के साथ मिलकर खुशियाँ मनाई जाती हैं।
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