Independence Day: भारत 15 अगस्त 2023 को अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। इस दिन 1947 में हमें ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। इसके बाद, 1950 में हमने अपना संविधान अपनाया। यह स्पष्ट है कि अंग्रेजों से स्वतंत्रता पाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण हजारों लोगों को अपनी जान की कीमत चुकानी पड़ी और कई लोगों को फांसी की सजा भुगतनी पड़ी। स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की बलि देकर देश को स्वतंत्रता दिलाई। इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है, जिसके चलते केंद्र और राज्य सरकार के सभी कार्यालय बंद रहते हैं, साथ ही पोस्ट और बैंक सेवाएं भी ठप रहती हैं।
भारतीय स्वतंत्रता का इतिहास –
भारत में ब्रिटिश शासन की शुरुआत 1757 में हुई, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने प्लासी की लड़ाई जीत ली। इसके बाद अंग्रेजों ने भारत पर कब्जा कर लिया और लगभग 100 वर्षों तक शासन किया। 1857-58 में भारतीयों ने विद्रोह किया, लेकिन यह असफल रहा और ब्रिटिश सरकार ने भारत पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन ने जोर पकड़ा, जिसका नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया। गांधी ने अहिंसा और असहयोग आंदोलन के जरिए ब्रिटिश शासन का विरोध किया। इसके बाद सविनय अवज्ञा आंदोलन भी शुरू हुआ, जिसमें पूरे देश ने गांधी के नेतृत्व में ब्रिटिश आदेशों का विरोध किया।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, वित्तीय संकट और बढ़ते भारतीय प्रतिरोध के कारण ब्रिटेन की लेबर सरकार ने भारत में अपनी उपस्थिति कम करना शुरू किया। 1947 की शुरुआत में ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की कि जून 1948 तक भारत को चरणबद्ध तरीके से सत्ता सौंप दी जाएगी। हालांकि, पंजाब और बंगाल में हिंदू और मुसलमानों के बीच हिंसा जारी रही।
जून 1947 में, पंडित जवाहरलाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना, अब्दुल कलाम आज़ाद और डॉ. बीआर अंबेडकर ने भारत के विभाजन पर सहमति जताई। विभिन्न धार्मिक समूहों ने अपना निवास स्थान तय करना शुरू कर दिया। इस हिंसा में ढाई से पांच लाख लोगों की मौत हुई। भारत को 15 अगस्त 1947 की आधी रात को स्वतंत्रता मिली, और इसका समापन पंडित नेहरू के ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी’ भाषण के साथ हुआ।
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 क्या है?
ब्रिटिश प्रधान मंत्री क्लेमेंट एटली ने 20 फरवरी 1947 को घोषणा की कि भारत में ब्रिटिश शासन 30 जून 1948 तक समाप्त हो जाएगा और उसके बाद सत्ता जिम्मेदार व्यक्तियों को सौंप दी जाएगी। इस घोषणा के बाद, मुस्लिम लीग ने विरोध किया और देश के विभाजन की मांग की। इसके परिणामस्वरूप, 3 जून 1947 को ब्रिटिश सरकार ने ऐलान किया कि 1946 में स्थापित भारत की संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया संविधान उन क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा जो इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
लॉर्ड माउंटबेटन योजना क्या है?
3 जून 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत के विभाजन की योजना को सामने रखा, जिसे माउंटबेटन योजना कहा जाता है। इस योजना को कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने स्वीकार कर लिया, और इसके तुरंत बाद भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 लागू हुआ। 14 अगस्त की आधी रात को ब्रिटिश शासन समाप्त हो गया और सत्ता दो नए देशों, भारत और पाकिस्तान, को हस्तांतरित कर दी गई। जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री बने। भारतीय संसद का गठन 1946 में स्थापित संविधान सभा द्वारा किया गया था।
15 अगस्त 1947 की आधी रात को भारत स्वतंत्र हुआ। लाल किले के लाहौरी गेट पर ब्रिटिश यूनियन जैक को उतारा गया और भारत का तिरंगा झंडा फहराया गया। इस अवसर पर पंडित नेहरू ने प्रसिद्ध भाषण दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत ने कई साल पहले नियति के साथ समझौता किया था और आज वह समझौता पूरी तरह से नहीं तो काफी हद तक पूरा हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जबकि पूरी दुनिया सो रही होगी, एक स्वतंत्र और जीवंत भारत का जन्म होगा।
हर साल 15 अगस्त को लाल किले पर थल सेना, नौसेना, और वायुसेना की परेड होती है। स्कूली बच्चे रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर अतिथियों के सामने झंडा वंदन करते हैं। इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराते हैं और भाषण देते हैं। दिल्ली में विभिन्न स्कूल और संगठन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
Read More: