Japan Work Culture: जापान में अत्यधिक काम के कारण हर साल करीब 50 लोग मौत के शिकार हो जाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए, जापानी सरकार ने चार दिवसीय कार्य सप्ताह की योजना को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। यह विचार पहली बार 2021 में पेश किया गया था और धीरे-धीरे यह लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है।
चार दिवसीय सप्ताह की पहल और सरकारी प्रयास
सरकार ने छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों के लिए चार दिवसीय कार्य सप्ताह की पहल को बढ़ावा देने के लिए “कार्यशैली सुधार” अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत काम के घंटों में कटौती, लचीले कार्य समय, और ओवरटाइम के साथ-साथ वार्षिक छुट्टी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कंपनियों को मुफ्त सलाह, वित्तीय सहायता, और सफलता की कहानियों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है। हालांकि, इस पहल का शुरुआती असर सीमित रहा है। अब तक केवल तीन कंपनियों ने सरकार से सलाह ली है, और पैनासोनिक होल्डिंग्स कॉर्प के 63,000 कर्मचारियों में से केवल 150 ने चार-दिवसीय कार्य सप्ताह का विकल्प चुना है।
काम के तनाव से मौतों की बढ़ती संख्या
जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय के अनुसार, 2022 में काम के दबाव के कारण दिमागी और हृदय संबंधी बीमारियों के कारण 54 लोगों की मौत हो गई। यह संख्या दो दशक पहले दर्ज किए गए 160 मौतों की तुलना में काफी कम है, लेकिन मानसिक तनाव और काम की भारी जिम्मेदारियों के कारण परेशानियों की शिकायत करने वालों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। यह जापान की सख्त कार्य संस्कृति की गंभीरता को दर्शाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स और व्यक्तिगत उदाहरण
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में जापान की एक प्रमुख मीडिया ब्रॉडकास्ट NHK की 31 वर्षीय राजनीतिक रिपोर्टर की काम के अत्यधिक दबाव के कारण हार्ट अटैक से मौत हो गई। रिपोर्टर ने अपनी मौत से पहले एक महीने में 159 घंटे ओवरटाइम किया था। इसी तरह, 2022 में कोबे के एक अस्पताल के 26 वर्षीय डॉक्टर ने एक महीने में 200 घंटे से अधिक ओवरटाइम के बाद आत्महत्या कर ली। ये घटनाएँ जापान में काम के अत्यधिक दबाव और तनाव के कारण होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को उजागर करती हैं।
चार दिवसीय कार्य सप्ताह की पहल
जापान की सरकार गिरती जन्म दर से चिंतित है, और इस समस्या को काम के तनाव से जोड़कर देख रही है। इसके समाधान के लिए, सरकार ने ‘चार दिवसीय कार्य सप्ताह’ की पहल शुरू की है, जिसमें एक सप्ताह में केवल 4 दिन काम किया जाएगा और 3 दिन छुट्टी रहेगी। यह पहल पहली बार 2021 में पेश की गई थी, लेकिन अभी तक केवल 8 प्रतिशत कंपनियाँ ही इस व्यवस्था को अपनाने लगी हैं।
उपलब्धता और प्रभाव
हालांकि ‘चार दिवसीय कार्य सप्ताह’ की योजना को लागू करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं, यह अभी तक व्यापक स्तर पर अपनाई नहीं गई है। इस बदलाव का उद्देश्य कार्य जीवन के संतुलन को बेहतर बनाना और काम के दबाव के कारण स्वास्थ्य समस्याओं को कम करना है। जापान सरकार की यह पहल कार्यकुशलता को बढ़ाने और कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।
कार्य-जीवन संतुलन की दिशा में कदम
जापान की सरकार कार्य-जीवन संतुलन को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठा रही है। देश में नौकरी से संतोष और वफादारी पर जोर देने वाली संस्कृति में बदलाव की आवश्यकता महसूस की जा रही है। हालांकि, 85 प्रतिशत नियोक्ता प्रति सप्ताह दो दिन की छुट्टी प्रदान करते हैं और ओवरटाइम पर कानूनी सीमाएँ लागू हैं, फिर भी काम के तनाव से निपटने के लिए और सुधार की जरूरत है।
स्वास्थ्य समस्याएं और सामाजिक दबाव
हाल ही की सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, अधिक काम के कारण हर साल लगभग 54 लोग दिल के दौरे या स्ट्रोक जैसी समस्याओं के कारण मौत का शिकार हो जाते हैं। जापान की कार्य संस्कृति में कंपनियों के प्रति वफादारी और सामूहिकता पर जोर होता है, लेकिन भविष्य में स्थिर कार्यबल बनाए रखने के लिए यह सोच बदलने की आवश्यकता है। जापान की गिरती जन्म दर और कामकाजी उम्र की घटती आबादी इस बदलाव की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बनाती है।
चार दिवसीय सप्ताह से संभावित लाभ
चार दिवसीय कार्य सप्ताह से उन श्रमिकों को लाभ हो सकता है जिन्हें लचीलेपन की आवश्यकता होती है, जैसे कि बच्चों की देखभाल, बुजुर्गों की देखभाल, या सेवानिवृत्ति के बाद अतिरिक्त आय की खोज। उदाहरण के लिए, अकीको नामक एक कर्मचारी, जो टोक्यो के योकोहामा में एक छोटी तकनीकी कंपनी में काम करती हैं, ने चार दिवसीय कार्य सप्ताह अपनाया है और वे बुधवार, शनिवार, और रविवार को छुट्टी लेती हैं, जिससे उन्हें अपने व्यक्तिगत काम के लिए अधिक समय मिल जाता है।
चार दिवसीय कार्य सप्ताह पर आलोचनाएँ और वर्तमान स्थिति
कुछ आलोचकों का कहना है कि चार दिवसीय कार्य सप्ताह के कारण कर्मचारियों को समान काम के लिए कम वेतन पर काम करना पड़ सकता है। गैलप के वार्षिक सर्वेक्षण के अनुसार, जापान में केवल 6 प्रतिशत कर्मचारी अपने काम के प्रति उत्साहित हैं, जबकि वैश्विक औसत 23 प्रतिशत है। कार्यस्थल पर व्यक्तिगत जरूरतों का ध्यान रखना, जो जापान की सामूहिक संस्कृति के साथ असंगत होता है, एक चुनौती बन रही है। जापान में लंबे समय तक काम करने और ओवरटाइम पूरा करने की पुरानी सोच को बदलना जरूरी है ताकि लोग अपने सपनों को भी पूरा कर सकें।
Read More:
Gold-Silver Price: सस्ता हुआ सोना-चांदी, खरीदने से पहले चेक कर लें आज के भाव