Tuesday, December 24, 2024

Mameru Ceremony: क्या है मामेरू रस्म? जिसे गुजरती विवाह में माना जाता है रस्मों का शुभारंभ, जानें इसका महत्व

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Mameru Ceremony: अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट(Anant Radhika Wedding) की शादी की तैयारियां बड़ी धूमधाम से चल रही हैं। इस जोड़े का पहला और दूसरा प्री-वेडिंग सेलिब्रेशन गुजरात के जामनगर में आयोजित किया गया था और तीसरा जश्न 5 स्टार लग्जरी क्रूज पर मनाया गया। अनंत और राधिका की शादी 12 जुलाई को होगी। बहरहाल, अंबानी घर में शादी से पहले की रस्में शुरू हो चुकी हैं। इनमें से पहला अनुष्ठान ‘मामेरू’ समारोह(Mameru Ceremony) के रूप में आयोजित किया गया था। इस रस्म की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। तस्वीरों में राधिका और अनंत(Anant Radhika Wedding) के साथ-साथ सभी घरवाले बेहद खूबसूरत लग रहे हैं।

मामेरु अनुष्ठान क्या है? (Mameru Ceremony)

गुजराती में मामेरु का अर्थ होता है मामा अर्थात माँ का भाई। इस रस्म में दूल्हा-दुल्हन के मामा अपनी क्षमता के अनुसार उपहार लाते हैं और जोड़े को आशीर्वाद देते हैं। इस अनुष्ठान में माँ के परिवार से उपहार शामिल होते हैं इसलिए इसे मामेरु कहा जाता है। कुछ जगहों पर इस रस्म को ‘मोसालू’ के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस रस्म(Mameru Ceremony) में दुल्हन, दूल्हे के मामा और मामी दोनों मिठाई और उपहार लेकर आते हैं।

इस परंपरा का पालन कई राज्यों में किया जाता है। जिसमें लड़के और लड़की की शादी में मां का परिवार उसके और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए तरह-तरह के उपहार और मिठाइयां लाता है। लेकिन, हर राज्य में इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है।

गुजरती विवाह में मामेरु रस्म का महत्व:

गुजराती विवाह में मामेरू रस्म(Mameru Ceremony) का विशेष महत्व है। इस रस्म में दुल्हन का मायका एक खास भूमिका निभाता है। मामेरु का अर्थ है चाचा या मामा के घर पर किया जाने वाला अनुष्ठान। दरअसल गुजराती में मामा को मामेरू कहा जाता है इसलिए इस रस्म को मामेरू कहा गया है। इसे मोसालु विधि के नाम से भी जाना जाता है।

मामेरु अनुष्ठान में, शादी से पहले, दुल्हन के मामा दुल्हन के लिए मिठाई, नए कपड़े, हाथी दांत की चूड़ियाँ, आभूषण, साड़ी और सूखे मेवे जैसे उपहार लाते हैं। मामेरु अनुष्ठान में, दुल्हन के मामा दुल्हन को उसके नए जीवन की शुरुआत के लिए प्यार और आशीर्वाद देते हैं। गुजराती शादी में निभाई जाने वाली सभी रस्मों में से यह पहली रस्म है।

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