MP Weather: मध्य प्रदेश में इस मौसम में बारिश की अच्छी मात्रा दर्ज की गई है। खासकर मंडला और सिवनी जैसे जिलों में बारिश 55 इंच से अधिक हुई है। समग्र रूप से, मध्य प्रदेश में औसत वर्षा पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक रही है। हालाँकि, पिछले चार दिनों से तेज बारिश का सिलसिला थम गया है, लेकिन मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि 24 सितंबर से फिर से मानसून का एक सशक्त सिस्टम सक्रिय हो जाएगा। यह सिस्टम पूर्वी मध्य प्रदेश के रीवा, शहडोल, जबलपुर और सागर संभाग में तेज बारिश लाने की संभावना है।
MP Weather: प्रदेश का मौसम समाचार
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 21 सितंबर को एक पूर्वानुमान जारी किया, जिसमें धार, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, देवास, खरगोन, सीहोर, रायसेन और बैतूल जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की उम्मीद जताई गई है। वहीं, राजधानी भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर समेत अन्य क्षेत्रों में धूप खिली रहने की संभावना है।
शुक्रवार को छिंदवाड़ा और मंडला जिलों में हल्की बारिश हुई, जबकि भोपाल में शाम को बूंदाबांदी हुई। अन्य जिलों में तेज धूप देखने को मिली। खजुराहो में दिन का तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि दमोह, भोपाल और नरसिंहपुर में तापमान 34 डिग्री से ऊपर रहा। भोपाल में तेज धूप के कारण तापमान में 2.8 डिग्री की वृद्धि देखी गई, जो कि अपेक्षाकृत उच्च है।
यह सभी जानकारियाँ मौसम के मौजूदा पैटर्न और आने वाले दिनों की बारिश की संभावनाओं को दर्शाती हैं, जो मध्य प्रदेश के जलवायु और कृषि पर प्रभाव डाल सकती हैं।
MP Weather: मानसून की गतिविधियाँ कमजोर
मध्य प्रदेश में वर्तमान में मानसून की गतिविधियाँ कमजोर पड़ रही हैं, जिससे कई जिलों में बारिश की मात्रा में कमी आई है। मौसम विभाग के अनुसार, इस स्थिति के चलते तापमान में वृद्धि देखी जा रही है।
इस साल मानसून की विदाई लगभग एक सप्ताह की देरी से होने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, एक नया सिस्टम बन रहा है, जिसके कारण फिर से बारिश का दौर शुरू हो सकता है। इस संदर्भ में, अनुमान है कि 30 सितंबर को मध्य प्रदेश से मानसून की विदाई हो सकती है, हालांकि मौसम विभाग ने अभी तक इस तिथि की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
MP Weather: बारिश का एक नया चक्र प्रारंभ होने की संभावना
इसके अतिरिक्त, मौसम विभाग ने बताया है कि 24 सितंबर से मध्य प्रदेश में बारिश का एक नया चक्र प्रारंभ होने की संभावना है, जिसमें कुछ जिलों में तेज से मध्यम बारिश हो सकती है। यह बारिश मध्य प्रदेश की कृषि और जल संसाधनों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।
मध्य प्रदेश में इस मौसम में बारिश की अच्छी मात्रा दर्ज की गई है। खासकर मंडला और सिवनी जैसे जिलों में बारिश 55 इंच से अधिक हुई है। समग्र रूप से, मध्य प्रदेश में औसत वर्षा पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक रही है। हालाँकि, पिछले चार दिनों से तेज बारिश का सिलसिला थम गया है, लेकिन मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि 24 सितंबर से फिर से मानसून का एक सशक्त सिस्टम सक्रिय हो जाएगा। यह सिस्टम पूर्वी मध्य प्रदेश के रीवा, शहडोल, जबलपुर और सागर संभाग में तेज बारिश लाने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 21 सितंबर को एक पूर्वानुमान जारी किया, जिसमें धार, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, देवास, खरगोन, सीहोर, रायसेन और बैतूल जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की उम्मीद जताई गई है। वहीं, राजधानी भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर समेत अन्य क्षेत्रों में धूप खिली रहने की संभावना है।
शुक्रवार को छिंदवाड़ा और मंडला जिलों में हल्की बारिश हुई, जबकि भोपाल में शाम को बूंदाबांदी हुई। अन्य जिलों में तेज धूप देखने को मिली। खजुराहो में दिन का तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि दमोह, भोपाल और नरसिंहपुर में तापमान 34 डिग्री से ऊपर रहा। भोपाल में तेज धूप के कारण तापमान में 2.8 डिग्री की वृद्धि देखी गई, जो कि अपेक्षाकृत उच्च है। यह सभी जानकारियाँ मौसम के मौजूदा पैटर्न और आने वाले दिनों की बारिश की संभावनाओं को दर्शाती हैं, जो मध्य प्रदेश के जलवायु और कृषि पर प्रभाव डाल सकती हैं।
MP Weather: कुछ जगहों पर हल्की बारिश की संभावना
मध्य प्रदेश में 24 सितंबर से बारिश का एक नया सिस्टम सक्रिय होने जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, गुजरात और राजस्थान के ऊपर एक प्रणाली मौजूद है, लेकिन यह इतनी मजबूत नहीं है कि इससे भारी बारिश होने की उम्मीद की जा सके। हालांकि, कुछ जिलों में हल्की वर्षा संभव है।
वर्तमान मौसम की स्थिति को देखते हुए, मंडला और सिवनी जिले में सबसे अधिक बारिश हुई है। मंडला में 57.2 इंच और सिवनी में 54.1 इंच वर्षा दर्ज की गई है। इसके अलावा, श्योपुर में 52 इंच बारिश हुई है। भोपाल, सागर और निवाड़ी जिलों में भी 50 इंच से अधिक वर्षा हो चुकी है। इसके साथ ही, राजगढ़, सीधी, डिंडौरी और रायसेन जैसे जिले भी सबसे अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में शामिल हैं।
इस प्रकार, आने वाले दिनों में नए सिस्टम की गतिविधियों के चलते मध्य प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है, जिससे किसानों और जल संसाधनों पर प्रभाव पड़ सकता है।
MP Weather: स्थानीय स्तर पर वर्षा के पैटर्न में बदलाव
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी, अजय शुक्ला, ने जानकारी दी है कि मानसून द्रोणिका वर्तमान में मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। इसके अलावा, विभिन्न स्थानों पर तीन अलग-अलग मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। इस स्थिति के कारण जबलपुर और इंदौर संभाग में कुछ क्षेत्रों में हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है।
इन मौसम प्रणालियों का असर क्षेत्रीय मौसम पर पड़ेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर वर्षा के पैटर्न में बदलाव आ सकता है। यह जानकारी विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां किसानों को बारिश की आवश्यकता है। इस प्रकार की हल्की वर्षा कृषि गतिविधियों के लिए सहायक सिद्ध हो सकती है।
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