Tickling Fact: गुदगुदी करने पर जोर-जोर से हंसी आने का अनुभव सभी ने किया होगा, खासकर तब जब हमें कोई और गुदगुदी कर रहा हो। लेकिन जब वही गुदगुदी हम खुद अपनेआप करते हैं, तो हमें वैसा ही एहसास क्यों नहीं होता? इसका उत्तर दिमाग के जटिल कार्यप्रणाली में छिपा है। चलिए, इसे विस्तार से समझते हैं।
खुद गुदगुदी करने पर क्यों नहीं आता मजा? (Why don’t you enjoy tickling yourself)
1. सेरिबेलम का पूर्वानुमान (Predisposition to the cerebellum)
जब हम खुद को गुदगुदी करने की कोशिश करते हैं, तो दिमाग का सेरिबेलम हिस्सा पहले से ही इस गतिविधि का अंदाजा लगा लेता है। सेरिबेलम शरीर की गति और स्पर्श को नियंत्रित करता है और इसे अनुमान लगा लेता है कि हम खुद को गुदगुदी कर रहे हैं। इस पूर्वानुमान के चलते, सोमेटोसेंसरी कॉर्टेक्स और एंटीरियर सिंगुलेट कॉर्टेक्स पहले से ही सतर्क हो जाते हैं और गुदगुदी के एहसास को कम कर देते हैं।
2. सरप्राइज का महत्व (The Importance of Surprise)
गुदगुदी का आनंद आमतौर पर सरप्राइज तत्व पर निर्भर करता है। जब कोई अचानक हमें गुदगुदी करता है, तो हमारा दिमाग इसके लिए तैयार नहीं होता और यह एक अप्रत्याशित स्थिति बन जाती है। इस स्थिति में, दिमाग पूरी तरह से गुदगुदी के एहसास को महसूस करता है और इससे हमें हंसी आती है।
गुदगुदी और दिमाग के दो महत्वपूर्ण हिस्से (Tickling and two important parts of the brain)
1. सोमेटोसेंसरी कॉर्टेक्स (Somatosensory cortex)
सर्वप्रथम, गुदगुदी के एहसास के लिए दिमाग का सोमेटोसेंसरी कॉर्टेक्स जिम्मेदार होता है। यह हिस्सा हमारे शरीर के स्पर्श (टच) को समझने में मदद करता है। जब कोई बाहरी ताकत हमारे शरीर को छूती है, तो सोमेटोसेंसरी कॉर्टेक्स उसे पहचानता है और उस एहसास को प्रोसेस करता है।
2. एंटीरियर सिंगुलेट कॉर्टेक्स (Anterior cingulate cortex)
दूसरा महत्वपूर्ण हिस्सा है एंटीरियर सिंगुलेट कॉर्टेक्स। यह हिस्सा खुशी और दिलचस्प एहसासों को समझने का काम करता है। जब हमें गुदगुदी होती है, तो यह हिस्सा हमारे दिमाग को खुशी का सिग्नल भेजता है, जिससे हमें हंसी आती है।
गुदगुदी की प्रक्रिया दिमाग की जटिल गतिविधियों और तंत्रिका तंतु प्रणालियों पर आधारित होती है। जब कोई हमें गुदगुदी करता है, तो हमारा दिमाग अप्रत्याशितता और सरप्राइज के कारण प्रतिक्रिया करता है, जिससे हमें हंसी आती है। लेकिन जब हम खुद को गुदगुदी करते हैं, तो दिमाग पहले से ही सतर्क रहता है, जिससे गुदगुदी का एहसास कम हो जाता है। यह ज्ञान हमें यह समझने में मदद करता है कि कैसे हमारे दिमाग की पूर्वानुमान क्षमता और सरप्राइज तत्व गुदगुदी के अनुभव को प्रभावित करते हैं।
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