Vinesh Phogat: पहले हमें यह समझना होगा कि विनेश फोगाट का वजन 100 ग्राम से ज्यादा नहीं था। हालाँकि, उनका वजन करीब दो किलो बढ़ गया था, और उन्होंने यह अतिरिक्त वजन कम करने के लिए अत्यधिक मेहनत की। उन्होंने पूरी रात नींद नहीं ली, और कड़ी एक्सरसाइज की। इसके बावजूद, लगभग 100 ग्राम अतिरिक्त वजन बचा रहा, जो उनकी अयोग्यता का कारण बना, जबकि उनका कुल वजन उससे कहीं ज्यादा था।
कुछ सवाल उठते हैं?
अब सवाल यह उठता है कि 6 अगस्त को अपने पहले मैच से पहले, किस पहलवान का वजन 50 किलो से कम था? और 7-8 घंटे के भीतर, उस पहलवान का वजन 53 किलो कैसे हो सकता है, जबकि विनेश फोगाट ने इन 7-8 घंटों में तीन मुकाबले लड़े?
विनेश ने 6-6 मिनट के तीन मुकाबलों में कुल 18 मिनट तक अपने शरीर की पूरी क्षमता का उपयोग किया। प्रत्येक मैच में कुछ सेकंड का अतिरिक्त समय और बीच में एक ब्रेक था, जिससे कुल मिलाकर करीब 20 मिनट की शारीरिक मेहनत की गई। इन 20 मिनट के दौरान, उनका वजन बढ़ना असंभव था। इसका सीधा सा उत्तर यह है कि विनेश फोगाट का वजन मैचों के बीच में खाए गए भोजन के कारण बढ़ा। इस दौरान, उनके कोच और सपोर्ट स्टाफ का ध्यान इस बात पर होना चाहिए था कि उन्होंने क्या खाया।
खेल जैसे कुश्ती, मुक्केबाजी, और भारोत्तोलन में वजन का महत्व बेहद अधिक होता है। खिलाड़ी इस खेल में अपनी भूमिका निभाते हैं, लेकिन तनाव और जिम्मेदारी उनके सपोर्ट स्टाफ पर होती है। विनेश फोगाट ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई, लेकिन यहां उनके सपोर्ट स्टाफ से एक महत्वपूर्ण गलती हो गई।
पहलवान खाएगा नहीं तो लड़ेगा कैसे?
यह सवाल कि पहलवान खाएगा नहीं तो लड़ेगा कैसे, का उत्तर काफी सरल है। विनेश फोगाट को तीन मैचों के बीच खाना और पीना होगा, क्योंकि खाली पेट रहकर कोई भी खिलाड़ी अपनी पूरी क्षमता से नहीं लड़ सकता। कुश्ती जैसी तीव्र गतिविधियों के लिए उचित आहार आवश्यक होता है ताकि खिलाड़ी ऊर्जा बनाए रख सके।
वजन प्रबंधन में आई समस्या
अब यह कहा जा रहा है कि विनेश का वजन सामान्यतः 50 किलो से अधिक रहता है। इस स्थिति में, अगर वह ‘थोड़ा भोजन’ यानी बहुत कम मात्रा में भी खाना खाती हैं, तो भी उनका वजन जल्दी बढ़ सकता है। यहीं पर समस्या उत्पन्न होती है। इस छोटे से भोजन को देने के दौरान सहायक कर्मचारी यह सुनिश्चित करने में असफल रहे कि यह भोजन ऊर्जा प्रदान करे, लेकिन वजन न बढ़ाए।
विनेश के मामले में समस्या:
विनेश फोगाट के मामले में, कम भोजन के नाम पर दिए गए खाने का उल्टा असर हुआ। सभी प्रयासों और मेहनत के बावजूद, उनका वजन कम नहीं हो सका।यह विनेश के सपने को तोड़ने के साथ ही, करोड़ों खेल प्रेमियों के सपने को भी चकनाचूर कर देता है। यह कड़वा सत्य है कि एक महत्वपूर्ण मौके पर उनके सपोर्ट स्टाफ की गलती ने उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ी।
सपोर्ट स्टाफ की भूमिका और जिम्मेदारी
सपोर्ट स्टाफ के लोग इस काम में कुशल होते हैं और उनके लिए एक-एक ग्राम का भी अनुमान लगाना महत्वपूर्ण होता है। उन्हें यह समझना होता है कि कौन सा भोजन ताकत देगा और कौन सा वजन बढ़ाएगा। एक एथलीट अपने सपोर्ट स्टाफ पर पूर्ण भरोसा करता है, और सपोर्ट स्टाफ का काम होता है कि वे एथलीट को ऐसी चीजें न दें जो उनके प्रदर्शन को प्रभावित करें या प्रतिबंधित हों।
विनेश फोगाट के कोच और फिजियो की भूमिका
विनेश फोगाट के मामले में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू यह है कि पेरिस ओलंपिक में भारत के छह पहलवानों में से केवल वह ही हैं जिनके कोच और फिजियो खेल गांव में उनके साथ हैं। अन्य पहलवानों के कोच और सहायक कर्मचारी होटलों में ठहरे हुए हैं और रोजाना पास बनवाकर खेल गांव आते हैं। इस स्थिति में, विनेश के कोच और फिजियो की जानकारी के बिना उनके आहार की कोई संभावना नहीं रहती। उनके द्वारा खाए-पीए गए भोजन की पूरी जानकारी उनके कोच और फिजियो के पास है।
विनेश के कोच, हंगरी के प्रसिद्ध वैलोर अकोस, 2018 से उनके साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने विनेश के साथ हंगरी में भी ट्रेनिंग की है। मंगलवार को, जब विनेश ने सेमीफाइनल जीतकर फाइनल में जगह बनाई, तो वैलोर अकोस की आंखों में खुशी के आंसू थे। लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि कुछ घंटों में ये खुशी के आंसू गम के आंसुओं में बदल जाएंगे।
टोक्यो ओलंपिक में कोच और ट्रेनिंग पर उठे थे सवाल
टोक्यो ओलंपिक में विनेश के खराब प्रदर्शन के बाद वैलोर अकोस पर भी सवाल उठे थे। कहा गया कि उन्होंने विनेश की ट्रेनिंग के बजाय अपनी पत्नी की ट्रेनिंग को अधिक महत्व दिया। इसके बावजूद, विनेश ने अपने कोच पर भरोसा बनाए रखा और उनके साथ मिलकर कठिन मेहनत की। उनके प्रयासों के चलते ही विनेश उस मुकाम पर पहुंचीं जहां देश को उनसे गोल्ड मेडल की उम्मीद थी।
वेट-मैनेजमेंट न होना किसकी गलती ?
हालांकि, विनेश के वजन पर ध्यान देने की प्रणाली में एक महत्वपूर्ण गलती हुई। इस गलती की जिम्मेदारी कोच और सपोर्ट स्टाफ पर आएगी, जो अपनी जिम्मेदारी के तहत भुगतान प्राप्त करते हैं। शरीर के वजन पर नजर रखना एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, और इस विज्ञान को गलत समझा गया। यह कड़वी सच्चाई है कि इस प्रक्रिया में चूक ने विनेश के सपनों और देश की उम्मीदों को झकझोर दिया।
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